कभी कभी पुराने गीत भी बोलते हैं निराशाओं के बोझ को सीने में दबाए हुए चलते हैं, तो कभ कभी कभी पुराने गीत भी बोलते हैं निराशाओं के बोझ को सीने में दबाए हुए चलते ...
इनायत का इनाम दरिंदों से डरने की क्या बात।। इनायत का इनाम दरिंदों से डरने की क्या बात।।
लम्हा - लम्हा ये जिंदगी, दर्द बड़ा ही देती है। लम्हा - लम्हा ये जिंदगी, दर्द बड़ा ही देती है।
हर लम्हा हर लम्हा
प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII
कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा.... कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा....